आप एक बानगी देखे इस सरकार की हमने एक सुझाव जो कि सामान्य रूप से राज्य के लोगो का अहित होता देख कोई भी व्यक्ति दे सकता है क्यों कि ये हम सबका फर्ज भी बनता है हमने सरकार को विरोध स्वरूप सरकारी पैसे के दुरूपयोग के बजाय पहाड़ के विकास व रोजगार के लिए भेजा उस पर सरकार ने ना तो कोई उत्तर दिया ना ही प्रतिक्रिया .
दूसरी और बीजेपी सरकार पुरे देश में जनता के टैक्स के पैसे से डिजिटल प्लेटफार्म खड़ा कर उसका उपयोग अपने व्यक्तिगत पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए कर रही है ना कि जनता के साथ सम्बाद के लिए. अगर ऐसा है तो मेरे द्वारा भेजे गए सभी सुझावों व सवालों के जबाब मुझे मिलने चाहिए या नहीं आप बताये
एक बार प्लीज सारा पत्र पढ़े फिर क्या क्या हम पहाड़ के लिए कर सकते है इसमे लिखे हम इस पर न केवल काम करना चाहते है बल्कि हम सबका ये दायित्व भी बनता है कि फिर कोई ड्राइवर राम रहीम बनकर सत्ता के गलियारों कि हनक के साथ हमारे पहाड़ पर ईस्ट इंडिया कम्पनी कि तरह काबिज ना हो जाय . जहा तक सवाल है जड़ी बूटी और आयुर्वेदिक दवाओं के ज्ञान का तो मुझे भी २० साल का जड़ी बूटी और ६०० से ज्यादा दवाओं का ज्ञान है और ये सब में बनवा भी सकता हु
मुख्यमंत्री महोदय डिजिटल युग में आप जनता दरवार लगा रहे हो मतलब खरबो रूपये की बर्बादी सेल्फी और अपना प्रचार ???? अगर ये नीरा प्रचार नहीं है तो बी सीरियस
उत्तराखंड की जनता की और से मेरी ये चिंता है इसके समाधान के लिए भी मेरे पास फूल प्रूफ प्लान है अरबो रूपये की बचत भी होगी आप मानोगे तो है नहीं क्यों की मुख्यमंत्री बनने के बाद अहम का टकराव स्वाभाविक है मगर मेँ अपनी मातृभूमि के प्रति अपना कर्तव्य निभाता हु
१- २५००० करोड़ की प्रति वर्ष १० सालो तक की सब्सिडी का प्रावधान आखिर क्यों क्यों क्यों सब्सिडी का प्रावधान पुराने उद्योगों को ही क्यों ??? जो ७०% पहाड़ियों को परमानेंट रोजगार नहीं दे रहे है क्या आपको इसका दर्द है ?? २५००० करोड़ सब्सिडी प्रति वर्ष १० सालो तक का प्रावधान स्थानीय लोगो को बसाने के लिए क्यों नहीं किया जा सकता है
२- मोदी जी को मेहरबानी करनी है तो मेरे पहाड़ के सिक्सित नौजवानो को २५००० करोड़ का लोन बाँट के देखो चीन तिब्बत से पलायन कर जायेगा और इंडिया मेँ उत्तराखण्ड का सामान धूम मचायेगा
३- देश व् राज्यों की सत्ता में बड़े-बड़े अर्थशाष्त्री बैठे मगर रोजगार का परमानेंट उपाय किसी के पास नहीं
क्यों ???? मेरे पास इसका परमानेंट समाधान है आप ईमानदारी से आगे आओ मगर बंद लिफाफे के शौक़ीन मेरी टीम मेँ शामिल ना हो ..पुरे पहाड़ को २-३ sal मेँ आबाद कर दूंगा देस के लिए एक मोडल बना दूंगा .
४- बड़े बांधो के भूकम्पीय खतरों से बेखबर सरकारे आखिर जनता को कैसे दिन दिखाना चाहती है ? केदार नाथ, बिहार आपदा अभी हमारे सामने है आप हमारे है या दिल्ली के हुक्मरानो के ?? कल को फिर एक उत्तराखंड उत्तरप्रदेश बिहार इन्ही बांधो के कारण बाढ़ की खौफनाक आपदा झेलने को मजबूर होने वाला है कहि लिखकर रख दो
५- उत्तराखंड के श्रम न्यायालयों में फुल टाइम जज ीनयुक्त नहीं है श्रम कानून फैक्ट्री मालिकों के जेब में है ठेकेदारी हावी है अनफेयर लेबर प्रैक्टिस की शिकायत पहाढ़ का मजदुर कहा करे ?? शहर मेँ नौकरी खोने के बात दूर पहाढ़ से वो श्रम न्यायालयों के चक्कर बिना पैसे के कैसे काटे ??? २००४ से सरकारों का यही रवैया है आखिर क्यों ?
६- 70 % सिडकुल मेँ परमानेंट रोजगार कोश्यारी से लेकर आप तक कोई नहीं कर पाया फिर भी आप पहाड़ी लोगो के लिए पैसे केंद्र से लेने के बजाय अमीरो को जो आपके राज्य के कानून की धज्जिया उड़ा रहे है २५००० करोड़ प्रति वर्ष १० सालो तक की सब्सिडी का प्रावधान आखिर क्यों क्यों क्यों ???
७- छोटे कारोबारियों को ५० लाख तक बिना रजिस्ट्रेसन कारोबार नहीं करने दोगे उनसे टैक्स लेकर अरबपतियों को सब्सिडी दोगे क्यों पहाड़ मेँ उत्तराखंडी के लिए हिल पालिसी का कोई लाभ उत्तराखंडी तब तक नहीं ले सकता जब तक की बैंक लोन नहीं होते. और बैंक कोलेट्रल फ्री लोन नहीं देते क्यों ??
८- उत्तराखंड मेँ आर बी आई के नॉर्मस बैंक फॉलो नहीं करते है आपके अधिकारी चेक क्यों नहीं करते है
९- आपके ये सलाहकार क्या जनता के पैसे की लूट के लिए बैठे है ये क्यों नहीं इन मसलो पर सख्त कदम उठाते है ?? इनकी न्युक्ति के पीछे इनका क्या एक्सपेर्टीसे है आई नो दे विल ट्राय माय ओपिनियन बट दे कैन नॉट डू हाव इतस प्रैक्टिकल
१०- उत्तराखंड के बैंको का कर्ज-जमा अनुपात क्या है और पहाड़ी जिलों मेँ इसे बढ़ाया क्यों नहीं जाता है आप हमारे पहाड़ की जमा को सालो से इन बाहरी उद्योगों को कर्ज देकर राज्य के जिलों मेँ कर्ज जमा अनुपात को मैनेज कर रहे हो या फिर आपको इसका ज्ञान ही नहीं है ?? हमारे लोगो के साथ हर तरह पहाड़ के बुद्धिहीन नेताओ की बजह से घोर अन्याय हो रहा है . हमे सरकार की योजनाओ का फायदा नहीं मिल रहा है क्यों की अधिकारी की जेब पैसे वाला ही भर सकता है पहाड़ का बेरोजगार नहीं. आपको इस देव भूमि रूपी माँ की सौगंध है अगर आप इतने महत्वपूर्ण सुझावो को नजर अंदाज करते हो ?? इसकी ब्याख्या केवल इतनी ही नहीं है विस्तृत रूप से अगर मेँ समझाने बैठु तो २ दिन चाहिए क्या आप ये शुभ काम करने की शुरुवात करेंगे .???
११- कर्ज-जमा अनुपात के आंकड़ों को यदि आप चेक करोगे तो पहाड़ी जिलों मेँ ये बैंक केवल जमा करते है और कर्ज लेने वालो से केवल दारू पिटे है लोन की गारंटी नहीं
१२- कर्ज-जमा अनुपात के साथ ही एस एम् इ बैंक शाखाओं तथा हर १५ दिन मैं बैंक-मित्र बैठकों को भी जरुरी करने की जरुरत है . लोग कर्ज मांगने आये इससे पहले सरकार की योजनाओ के प्रति जागरूक करना जरुरी है
१३ - पहाड़ी जिलों को औद्योगिक क्षेत्रो को जिला उद्योग केंद्र को सौपने की जरुरत है तथा सिडकुल एरिया अब जिल उद्योग केन्द्रो को देकर सिडकुल के फालतू के खर्चो को करने के बजाय इसे औद्योगिक विकास बिभाग को देकर जिला उद्योग केन्द्रो के माध्यम से कन्ट्रोल किया जय क्यों की यहाँ बहुत भ्रश्टचार है.
१४ - क्या पहाड़ के नाम पर बड़े उद्योग पतियों को २५००० करोड़ की खैरात के कई मायने है ???
हमने छोटे कारोबारियों की GST नंबर लेने की लिमिट पहाड़ी राज्यों में ५० लाख करने की गुजारिस की वो तुम्हे सुनाई नहीं दी चंदे वाले पहुंचे सीधे २५००० करोड़ का तोफा क्यों भाई क्यों बाप का माल है टैक्स पेयर का पैसा .. उससे नहीं पूछोगे ??? क्या इसका फ़ायदा मेरे पहाड़ को मजदूरों को मिल रहा है?? फिर पुराने उद्योगों को ही क्यों ???
१५- जनहित याचिका की जरुरत है केवल पहाड़ी जिलों में नए उद्योगों के लिए पहाड़ को नौजवानो को बिना जमानत वापसी की गारंटी को साथ उनकी जमीन गिरवी रखकर ये २५००० करोड़ बाँट को देखो कैसे पलायन नहीं रुकता है मगर आप ऐसा नहीं करोगे क्यों की इनसे एक भी पैसा चंदा नहीं आने वाला है
आपको पलायन रोकना है ना आओ ईमानदारी से ये २५००० करोड़ दो हम करते है शुरुवात पहाड़ को दुवारा बसने की . हम तरीका बताएँगे और आप इस २५००० करोड़ को हमारे नियमो से पहाड़ी को ये पैसा मंजूर करोगे क्या आप करोगे बी जे पी कांग्रेस वालो ???? हम इससे कई गुना ज्यादा हजारो करोड़ प्रति वर्ष की आमदनी उत्तराखंड को दे देंगे ठन्डे कमरों बैठकर सेल्फी सोशल मीडिया मेँ डालकर ये सम्भव नहीं है
१६-मेरे भाई एक बार बीजेपी कांग्रेस भूलकर काम करके तो देखो इन पहाड़ियों के हुनर इनकी ताकत इनके जज्बे को जगाकर तो देखो कुछ करो पहाड़ियों तुम सब महाबीर हनुमान की TARAH इतिहास बना सकते हो
इस तरह हमे छलने का परिरराम ठीक नहीं होगा हमे नहीं चाहिए सिलेंडर की सब्सिडी मगर ये अरबो की लूट बंद होनी चाहिए ??/
१७- बॉर्डर की रक्षा के लिए खरबो के िमलेट्री साजो सामान बिदेसो से कमिसन लेकर बर्बाद कर दोगे मगर बॉर्डर पर अपने पहाड़ के लोगो को बसाकर उनको उनकी रक्षा और दुसमन देस से िहफाजत के लिए बन्दुक व् रोजगार देकर कुछ लाख का खर्च नहीं करोगे क्यों ??? डिस इस बेस्ट पालिसी तो स्टॉप माइग्रेशन एंड सेफ आवर बॉर्डर मिस्टर पी एम् एन्ड मिस्टर सी एम् .. बुलेट ट्रेन का रोना छोर कर इस बात पर गौर करो की हमारे लोग बेहतर तरीके से सेना के सहयोगी हो सकते है . २५००० करोड़ हर साल आप जिन्हे दे रहे हो क्या वो ७०% पहाड़ के लोगो को परमानेंट रोजगार दे रहे है ??? या आपके बॉर्डर पर खरे होकर आपकी जमीनों को आबाद करके अपनी जान जोखिम मेँ डाल कर देश रक्ष मेँ कोई सहयोग कर रहे है ?
18-नॉन रेजिडेंट उत्तराखंडी को यहाँ के ब्यवसाय मेँ उद्योगों मेँ बिना लेवि साझेदारी की अनुमति देकर सिडकुल के बंद उद्योग बिना लेवि खरीदने की छूट देकर उन्हें प्रोत्साहित करके वापस बुलाने व यहाँ इन्वेस्टमेंट करने के लिए प्रेरित करने की योजना क्यों नहीं बनती सरकार ??
19- क्या वो ये सब्सिडी खाकर हमेसा यहाँ कारोबार करेंगे नहीं?? वो खनवादोस की तरह यहाँ से वहा उद्योग ले जाने वाले है टाटा को छोर कर बाकी सब तो फिर क्यों ? आप पहाड़ी पर पैसा लगाओ वो पीढ़ियों तक पहाड़ में रहेगा ना पलायन ना रोजगार की समस्या ये सब सुझाव आपके नेता नहीं देंगे आपको.
अगर आपको कोई काम की चीज लगे तो रख लेना वरना कूड़े मेँ डाल देना आपके पास ऐसे बहुत पोस्ट आती होगी जिन्हे आप कांग्रेसी मानकर अनदेखा कर देते होंगे मगर हमारे लिए हमारी सोच हमारा विजन इस धरती पर एक बृक्ष का रूप ले यही हमारे जीवन का मकसद है
दूसरी और बीजेपी सरकार पुरे देश में जनता के टैक्स के पैसे से डिजिटल प्लेटफार्म खड़ा कर उसका उपयोग अपने व्यक्तिगत पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए कर रही है ना कि जनता के साथ सम्बाद के लिए. अगर ऐसा है तो मेरे द्वारा भेजे गए सभी सुझावों व सवालों के जबाब मुझे मिलने चाहिए या नहीं आप बताये
एक बार प्लीज सारा पत्र पढ़े फिर क्या क्या हम पहाड़ के लिए कर सकते है इसमे लिखे हम इस पर न केवल काम करना चाहते है बल्कि हम सबका ये दायित्व भी बनता है कि फिर कोई ड्राइवर राम रहीम बनकर सत्ता के गलियारों कि हनक के साथ हमारे पहाड़ पर ईस्ट इंडिया कम्पनी कि तरह काबिज ना हो जाय . जहा तक सवाल है जड़ी बूटी और आयुर्वेदिक दवाओं के ज्ञान का तो मुझे भी २० साल का जड़ी बूटी और ६०० से ज्यादा दवाओं का ज्ञान है और ये सब में बनवा भी सकता हु
मुख्यमंत्री महोदय डिजिटल युग में आप जनता दरवार लगा रहे हो मतलब खरबो रूपये की बर्बादी सेल्फी और अपना प्रचार ???? अगर ये नीरा प्रचार नहीं है तो बी सीरियस
उत्तराखंड की जनता की और से मेरी ये चिंता है इसके समाधान के लिए भी मेरे पास फूल प्रूफ प्लान है अरबो रूपये की बचत भी होगी आप मानोगे तो है नहीं क्यों की मुख्यमंत्री बनने के बाद अहम का टकराव स्वाभाविक है मगर मेँ अपनी मातृभूमि के प्रति अपना कर्तव्य निभाता हु
१- २५००० करोड़ की प्रति वर्ष १० सालो तक की सब्सिडी का प्रावधान आखिर क्यों क्यों क्यों सब्सिडी का प्रावधान पुराने उद्योगों को ही क्यों ??? जो ७०% पहाड़ियों को परमानेंट रोजगार नहीं दे रहे है क्या आपको इसका दर्द है ?? २५००० करोड़ सब्सिडी प्रति वर्ष १० सालो तक का प्रावधान स्थानीय लोगो को बसाने के लिए क्यों नहीं किया जा सकता है
२- मोदी जी को मेहरबानी करनी है तो मेरे पहाड़ के सिक्सित नौजवानो को २५००० करोड़ का लोन बाँट के देखो चीन तिब्बत से पलायन कर जायेगा और इंडिया मेँ उत्तराखण्ड का सामान धूम मचायेगा
३- देश व् राज्यों की सत्ता में बड़े-बड़े अर्थशाष्त्री बैठे मगर रोजगार का परमानेंट उपाय किसी के पास नहीं
क्यों ???? मेरे पास इसका परमानेंट समाधान है आप ईमानदारी से आगे आओ मगर बंद लिफाफे के शौक़ीन मेरी टीम मेँ शामिल ना हो ..पुरे पहाड़ को २-३ sal मेँ आबाद कर दूंगा देस के लिए एक मोडल बना दूंगा .
४- बड़े बांधो के भूकम्पीय खतरों से बेखबर सरकारे आखिर जनता को कैसे दिन दिखाना चाहती है ? केदार नाथ, बिहार आपदा अभी हमारे सामने है आप हमारे है या दिल्ली के हुक्मरानो के ?? कल को फिर एक उत्तराखंड उत्तरप्रदेश बिहार इन्ही बांधो के कारण बाढ़ की खौफनाक आपदा झेलने को मजबूर होने वाला है कहि लिखकर रख दो
५- उत्तराखंड के श्रम न्यायालयों में फुल टाइम जज ीनयुक्त नहीं है श्रम कानून फैक्ट्री मालिकों के जेब में है ठेकेदारी हावी है अनफेयर लेबर प्रैक्टिस की शिकायत पहाढ़ का मजदुर कहा करे ?? शहर मेँ नौकरी खोने के बात दूर पहाढ़ से वो श्रम न्यायालयों के चक्कर बिना पैसे के कैसे काटे ??? २००४ से सरकारों का यही रवैया है आखिर क्यों ?
६- 70 % सिडकुल मेँ परमानेंट रोजगार कोश्यारी से लेकर आप तक कोई नहीं कर पाया फिर भी आप पहाड़ी लोगो के लिए पैसे केंद्र से लेने के बजाय अमीरो को जो आपके राज्य के कानून की धज्जिया उड़ा रहे है २५००० करोड़ प्रति वर्ष १० सालो तक की सब्सिडी का प्रावधान आखिर क्यों क्यों क्यों ???
७- छोटे कारोबारियों को ५० लाख तक बिना रजिस्ट्रेसन कारोबार नहीं करने दोगे उनसे टैक्स लेकर अरबपतियों को सब्सिडी दोगे क्यों पहाड़ मेँ उत्तराखंडी के लिए हिल पालिसी का कोई लाभ उत्तराखंडी तब तक नहीं ले सकता जब तक की बैंक लोन नहीं होते. और बैंक कोलेट्रल फ्री लोन नहीं देते क्यों ??
८- उत्तराखंड मेँ आर बी आई के नॉर्मस बैंक फॉलो नहीं करते है आपके अधिकारी चेक क्यों नहीं करते है
९- आपके ये सलाहकार क्या जनता के पैसे की लूट के लिए बैठे है ये क्यों नहीं इन मसलो पर सख्त कदम उठाते है ?? इनकी न्युक्ति के पीछे इनका क्या एक्सपेर्टीसे है आई नो दे विल ट्राय माय ओपिनियन बट दे कैन नॉट डू हाव इतस प्रैक्टिकल
१०- उत्तराखंड के बैंको का कर्ज-जमा अनुपात क्या है और पहाड़ी जिलों मेँ इसे बढ़ाया क्यों नहीं जाता है आप हमारे पहाड़ की जमा को सालो से इन बाहरी उद्योगों को कर्ज देकर राज्य के जिलों मेँ कर्ज जमा अनुपात को मैनेज कर रहे हो या फिर आपको इसका ज्ञान ही नहीं है ?? हमारे लोगो के साथ हर तरह पहाड़ के बुद्धिहीन नेताओ की बजह से घोर अन्याय हो रहा है . हमे सरकार की योजनाओ का फायदा नहीं मिल रहा है क्यों की अधिकारी की जेब पैसे वाला ही भर सकता है पहाड़ का बेरोजगार नहीं. आपको इस देव भूमि रूपी माँ की सौगंध है अगर आप इतने महत्वपूर्ण सुझावो को नजर अंदाज करते हो ?? इसकी ब्याख्या केवल इतनी ही नहीं है विस्तृत रूप से अगर मेँ समझाने बैठु तो २ दिन चाहिए क्या आप ये शुभ काम करने की शुरुवात करेंगे .???
११- कर्ज-जमा अनुपात के आंकड़ों को यदि आप चेक करोगे तो पहाड़ी जिलों मेँ ये बैंक केवल जमा करते है और कर्ज लेने वालो से केवल दारू पिटे है लोन की गारंटी नहीं
१२- कर्ज-जमा अनुपात के साथ ही एस एम् इ बैंक शाखाओं तथा हर १५ दिन मैं बैंक-मित्र बैठकों को भी जरुरी करने की जरुरत है . लोग कर्ज मांगने आये इससे पहले सरकार की योजनाओ के प्रति जागरूक करना जरुरी है
१३ - पहाड़ी जिलों को औद्योगिक क्षेत्रो को जिला उद्योग केंद्र को सौपने की जरुरत है तथा सिडकुल एरिया अब जिल उद्योग केन्द्रो को देकर सिडकुल के फालतू के खर्चो को करने के बजाय इसे औद्योगिक विकास बिभाग को देकर जिला उद्योग केन्द्रो के माध्यम से कन्ट्रोल किया जय क्यों की यहाँ बहुत भ्रश्टचार है.
१४ - क्या पहाड़ के नाम पर बड़े उद्योग पतियों को २५००० करोड़ की खैरात के कई मायने है ???
हमने छोटे कारोबारियों की GST नंबर लेने की लिमिट पहाड़ी राज्यों में ५० लाख करने की गुजारिस की वो तुम्हे सुनाई नहीं दी चंदे वाले पहुंचे सीधे २५००० करोड़ का तोफा क्यों भाई क्यों बाप का माल है टैक्स पेयर का पैसा .. उससे नहीं पूछोगे ??? क्या इसका फ़ायदा मेरे पहाड़ को मजदूरों को मिल रहा है?? फिर पुराने उद्योगों को ही क्यों ???
१५- जनहित याचिका की जरुरत है केवल पहाड़ी जिलों में नए उद्योगों के लिए पहाड़ को नौजवानो को बिना जमानत वापसी की गारंटी को साथ उनकी जमीन गिरवी रखकर ये २५००० करोड़ बाँट को देखो कैसे पलायन नहीं रुकता है मगर आप ऐसा नहीं करोगे क्यों की इनसे एक भी पैसा चंदा नहीं आने वाला है
आपको पलायन रोकना है ना आओ ईमानदारी से ये २५००० करोड़ दो हम करते है शुरुवात पहाड़ को दुवारा बसने की . हम तरीका बताएँगे और आप इस २५००० करोड़ को हमारे नियमो से पहाड़ी को ये पैसा मंजूर करोगे क्या आप करोगे बी जे पी कांग्रेस वालो ???? हम इससे कई गुना ज्यादा हजारो करोड़ प्रति वर्ष की आमदनी उत्तराखंड को दे देंगे ठन्डे कमरों बैठकर सेल्फी सोशल मीडिया मेँ डालकर ये सम्भव नहीं है
१६-मेरे भाई एक बार बीजेपी कांग्रेस भूलकर काम करके तो देखो इन पहाड़ियों के हुनर इनकी ताकत इनके जज्बे को जगाकर तो देखो कुछ करो पहाड़ियों तुम सब महाबीर हनुमान की TARAH इतिहास बना सकते हो
इस तरह हमे छलने का परिरराम ठीक नहीं होगा हमे नहीं चाहिए सिलेंडर की सब्सिडी मगर ये अरबो की लूट बंद होनी चाहिए ??/
१७- बॉर्डर की रक्षा के लिए खरबो के िमलेट्री साजो सामान बिदेसो से कमिसन लेकर बर्बाद कर दोगे मगर बॉर्डर पर अपने पहाड़ के लोगो को बसाकर उनको उनकी रक्षा और दुसमन देस से िहफाजत के लिए बन्दुक व् रोजगार देकर कुछ लाख का खर्च नहीं करोगे क्यों ??? डिस इस बेस्ट पालिसी तो स्टॉप माइग्रेशन एंड सेफ आवर बॉर्डर मिस्टर पी एम् एन्ड मिस्टर सी एम् .. बुलेट ट्रेन का रोना छोर कर इस बात पर गौर करो की हमारे लोग बेहतर तरीके से सेना के सहयोगी हो सकते है . २५००० करोड़ हर साल आप जिन्हे दे रहे हो क्या वो ७०% पहाड़ के लोगो को परमानेंट रोजगार दे रहे है ??? या आपके बॉर्डर पर खरे होकर आपकी जमीनों को आबाद करके अपनी जान जोखिम मेँ डाल कर देश रक्ष मेँ कोई सहयोग कर रहे है ?
18-नॉन रेजिडेंट उत्तराखंडी को यहाँ के ब्यवसाय मेँ उद्योगों मेँ बिना लेवि साझेदारी की अनुमति देकर सिडकुल के बंद उद्योग बिना लेवि खरीदने की छूट देकर उन्हें प्रोत्साहित करके वापस बुलाने व यहाँ इन्वेस्टमेंट करने के लिए प्रेरित करने की योजना क्यों नहीं बनती सरकार ??
19- क्या वो ये सब्सिडी खाकर हमेसा यहाँ कारोबार करेंगे नहीं?? वो खनवादोस की तरह यहाँ से वहा उद्योग ले जाने वाले है टाटा को छोर कर बाकी सब तो फिर क्यों ? आप पहाड़ी पर पैसा लगाओ वो पीढ़ियों तक पहाड़ में रहेगा ना पलायन ना रोजगार की समस्या ये सब सुझाव आपके नेता नहीं देंगे आपको.
अगर आपको कोई काम की चीज लगे तो रख लेना वरना कूड़े मेँ डाल देना आपके पास ऐसे बहुत पोस्ट आती होगी जिन्हे आप कांग्रेसी मानकर अनदेखा कर देते होंगे मगर हमारे लिए हमारी सोच हमारा विजन इस धरती पर एक बृक्ष का रूप ले यही हमारे जीवन का मकसद है