Thursday, March 22, 2018

स्वतंत्र विचार जो हमे प्रेरित करते है

शब्दावली वाली भासा है फिर हिंदी फिर संस्कृत फिर प्राकृत भासा इसलिए बड़ी भासा सीखो छोटी खुद आ जाएगीअंग्रेजी सबसे छोटी शब्दावली वाली भासा है फिर हिंदी फिर संस्कृत फिर प्राकृत भासा इसलिए बड़ी भासा सीखो छोटी खुद आ जाएगी


अंग्रेजी सबसे छोटी शब्दावली वाली भासा है फिर हिंदी फिर अंग्रेजी सबसे छोटी शब्दावली वाली भासा है फिर हिंदी फिर संस्कृत फिर प्राकृत भासा इसलिए बड़ी भासा सीखो छोटी खुद आ जाएग
हम भासा का विरोध नहीं कर रहे है बल्कि हमारा आशय है कि अब्दुल कलम कि शिक्षा तमिल में मातृभासा में होने के बाद ही वो वैज्ञानिक बने मात्र अंग्रेजी पढ़ने से कुछ नहीं होने वाला है अंग्रेजी बच्चा बाद में सिख जायेगा पहले मात्रभासा का ज्ञान ठीक से तो कराओ उसे आईएएस बनाए के बजाय एक अच्छा इंसान बनाने कि सोचो ताकि वह जीवन में एक अच्छा नागरिक होने के साथ साथ एक अच्छी संतान बनकर आपके बुढ़ापे का सहारा भी बन सके वो संस्कार उसे हमारी मातृभासा और हमारी वैदिक शिक्षा से ही प्राप्त हो सकते है ॥

अंग्रेजी सबसे छोटी शब्दावली वाली भासा है फिर हिंदी फिर संस्कृत फिर प्राकृत भासा इसलिए बड़ी भासा सीखो छोटी खुद आ जाएगी
कान्वेंट के पीछे भागने वाले ध्यान दे कि १२००० शब्दों कि अंग्रेजी के चक्कर में बच्चो को मात्रभासा 72000 shabdo से दूर कर रहे है आप
अंग्रेजी विश्व के २०० में से १०-१५ देशो में बोली जाती है बाकि सब अपनी मातृभासा में पढ़ते है अंगेजी के पीछे मत भागो
जितने भी महान वैज्ञानिक हुए है उन्होंने मात्र भासा में ज्ञान अर्जित किया अब्दुल कलाम ने भी माँ और मातृभासा ही भविष्य बनातीं है
बच्चो को अंग्रेजी के बजाय हिंदी संस्कृत का गहन अध्यन कर वेद पुराण व् शास्त्रों का रुख करना चाहिए दुनिया का रहस्य इन्ही में है
आपका बच्चा स्कुल में फ़ैल होने का ये मतलब नहीं कि वो जिंदगी में फ़ैल हो गया इसलिए उसे जिंदगी में पास होने के गुर सिखाये किताबी नहीं
बच्चो पर अपने निर्णय थोपने के बजाय उन्हें स्वनिर्णय के लिए प्रेरित करे तथा फिर उनसे संवाद स्थापित कर अपनी प्रतिक्रिया दे
अभिवावक ध्यान दे कि बच्चो को पढाई के लिए इतना दबाब न बनाये कि वो खेल कूद या अन्य रचनात्मकता से दूर हो जाये बचपन स्वतंत्र हो

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