Saturday, March 24, 2018

महिला और पुरुष तो एक दूसरे के पूरक है महिला से ही पुरष की उत्पत्ति है और पुरुष से ही महिला की उत्पत्ति है

महिला और पुरुष तो एक दूसरे के पूरक है महिला से ही पुरष की उत्पत्ति है और पुरुष से ही महिला की उत्पत्ति है

इस दुनिया में किसी ने भी इसे समझने की कोसिस की होती तो शायद ये बच्चे आज बाप बिहीन समाज का हिस्सा बनने को मजबूर नहीं होते हमारी बिधायिका कार्यपालिका न्यायपालिका और मीडिया लोकतंत्र के चारो स्थम्भो ने अपनी अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाया है और याद रहे एक बाप बिहीन समाज में न तो घर सुरक्षित है और न ही समाज सुरक्षित है जिस देश के घर और समाज सुरक्षित नहीं वह देश कैसे सुरक्षित हो सकता है
महिला ससक्तिकरन के नाम पर महिला को ही असुरक्षित किया जा रहा है कैसे समझे पापा कौन है पापा एक महिला को पैदा करने वाला है एक महिला का पति है एक महिला का भाई है और उसी महिला के बच्चो का पिता भी वही एक दिन बनता है वह  एक घर का निर्माण कर्ता है घर को चलाने वाला है वह एक घर और घर के सभी लोगों का भविष्य बनाने वाला है पापा ही है जो घर के सभी लोगो के आज और कल को सुखद ख़ुशहाल बनाने के लिए तमाम ताने बाने बुनता है और उसके लिए जी ड मेहनत करता है यह घर के सभी लोगो के सहयोग के बगैर सम्भव नहीं है वह किसी को कुछ नहीं कहता है अपना दुःख दर्द पीड़ा या अपनी अक्षमता और कुछ ना कर सकने की स्थिति को भी बताये बगैर वह हाड़ तोड़ मेहनत कर घर के सभी लोगो के भविस्य को सुखद बनाने में लगा रहता है

मगर आज जो स्थिति है वह आप सभी से या कल को आपके बच्चो से या आपके बच्चो के बच्चो से पापा छीनने वाला है इसलिए इस समाज को जितना जल्दी हो सके बाप बिहीन समाज बनाने से रोक लो एक औरत या एक आदमी की गलती की सजा सारे समाज और बच्चो को क्यों मिले एक औरत और आदमी की गलतियों के चलते सारे समाज के लिए पुरुष और महिला विरोधी कानून क्यों बने?  महिला और पुरुष तो एक दूसरे के पूरक है महिला से ही पुरष की उत्पत्ति है और पुरुष से ही महिला की उत्पत्ति है ये दोनों एक दूसरे के बगैर अधूरे है  फिर कुछ लोग अपनी गन्दी राजनीती और गन्दी सोच के कारण महिला या पुरुषो  के ठेकेदार बनकर उनके लिए संसद में बैठकर कानून बनाने की बात करते है उन्हें सुरक्षित करने का ढोंग करते है सुरक्षा प्रदान करने का ढोंग करते है जबकि उनकी मानसिकता दोयम दर्जे की है वो केवल अपने स्वयं के विचारो को अरबो लोगो पर थोपना चाहते है वो वोट बैंक की राजनीती करना चाहते है और जो उन्होंने अपने जीवन में अपने माँ बाप भाई बहन और पति के साथ किया वो अपने आप को दूध का धुला समझ कर चाहते है की सभी उन्ही के तरह करे ताकि वो स्वम को सही सिद्ध कर सके जबकि हमारी संस्कृति और हमारे भारतीय संस्कार ऐसे है ही नहीं हम पुरुष स्त्री में भेदभाव या बेटा बेटी में भेदभाव नहीं करते हालात और परिस्थितिया आप सभी को ये करने को मजबूर कर रही है और ये सब मानव जनित परिस्थितिया है इन्हे जड़ से उखाड़ना जरुरी है

पापा   और बच्चो का रिस्ता ऐसा होता है

पापा रोटी है कपडा है मकान है   पापा नन्हे से परिंदो का एक बड़ा आसमान है
पापा है तो घर में हर पल खुशिया है  पापा से माँ की चूड़ी बिंदी और  सुहाग है
पापा तो बच्चो के सरे सपने है  पापा है तो ? सारे बाजार के खिलोने अपने है
[अर्थात पापा के होने पर बच्चो को किसी खिलोने की जरुरत नहीं वे पापा से खेलते खेलते उन्हें घोडा हाथी गाड़ी गधा सब बना लेते है और पापा बन जाता है ]
माँ के बारे में बहुत किताबे और कानून लिखे गए है मगर पिता के लिए कुछ नहीं है माँ सब कुछ बोल देती है मगर पिता कभी कुछ नहीं बोलता है हर दर्द परेशानी को दिल में दफन कर देता है पिता की जरुरत सभी को है मगर कोई ये भी तो सोचो की क्या पिता को भी किसी की जरुरत है ??
एक बार इस गंदे नालायक दुश्मन पुरुष को अपने पिता भाई बेटे की जगह रखकर सोचो फिर समझ आएगा की आखिर ये पिता है कौन ??
अर्थात सबसे पहले पापा को सुरक्षित करने की जरुरत है पापा सुरक्षित है तो सब सुरक्षित है माँ बेटा बेटी पत्नी भाई बहिन सभी के सुरक्षित भविष्य के लिए पापा की सुरक्षा नितांत जरुरी है उसमे सभी को अपना योगदान देना होगा वर्ना वर्तमान कानूनों के कारण ये समस्त समाज एक बाप बिहीन समाज बनने जा रहा है जिसका कारण केवल और केवल हम है समाज को स्वयं जागरूक होना होगा अगर आप के पापा मम्मी भी ऐसा ही करते तो क्या होता सोचो .

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